महराजगंज। रिजर्व बैंक के निर्देश के उपरांत एक अप्रैल 2020 से जिले की 67 शाखाओं का छह बैंकों में विलय हो जाएगा। कोरोना के संक्रमण की वजह से प्रारंभिक दौर में इन बैंक की शाखाओं के नाम बदल जाएंगे। खातों को नए सिरे से अपडेट करने का काम हालत सामान्य होने के बाद किया जाएगा। जिले में इस व्यवस्था के लागू होने से छह बैंक का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। शाखाएं तो पूर्व की भांति ही रहेंगी, मगर उनका नाम बदल जाएगा। इस परिवर्तन से सबसे बड़ा लाभ बैंक आफ बड़ौदा को होगा, क्योंकि अब तक उसके पास महज तीन शाखाएं थीं। इस बदलाव के बाद उसके पास पूर्वांचल बैंक की 58 शाखाओं को मिलाकर कुल 61 शाखाएं हो जाएंगी। इसी प्रकार इंडियन बैंक की दो शाखाओं में इलाहाबाद की पांच शाखाओं के जुड़ने से इनकी संख्या सात हो जाएगी। केनरा बैंक की तीन शाखा में सिंडीकेट बैंक की एक शाखा जुड़कर उसकी संख्या चार होगी। पंजाब नेेशनल बैंक के 12 शाखाओं में ओरिएंटल बैंक आफ कामर्स व यूनाईटेड बैंक की एक-एक शाखा जुड़ेगी तथा उसकी संख्या 14 हो जाएगी। यूनियन बैंक के छह शाखाओं में आंध्रा बैंक की एक शाखा जुड़ेगी तथा उसकी संख्या बढ़कर सात हो जाएगी। इस बदलाव के बाद अब तक 36 शाखाओं के साथ टाप पर बना स्टेट बैंक अब शाखाओं के मामले में दूसरे स्थान पर होगा। मार्गदर्शी बैंक के मुख्य प्रबंधक सुरेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि बदलाव से शाखाओं की संख्या नहीं घटेगी। छह बैंकों का अस्तित्व जिले से समाप्त हो जाएगा।